मोहब्बत हैं हमे आपसे, इसलिये आप हमे बोहोत खूबसुरत लगते हो. आप खूबसुरत हो,…
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हमारी संवेदी इंद्रियों की क्षमता से परे, हमारी चेतना से ऊपर और हमारे ज्ञान…
मोहब्बत हैं हमे आपसे, इसलिये आप हमे बोहोत खूबसुरत लगते हो. आप खूबसुरत हो,…
ये दावों और विपरीत दावों ( Claims & Counter-claims) का दौर है ज़नाब! विडम्बना…
शुरुवात धीमी धीमी सी हुई थी , पता नहीं पर थोड़ी सी हलचल मची…
हमारी संवेदी इंद्रियों की क्षमता से परे, हमारी चेतना से ऊपर और हमारे ज्ञान…
प्रायश्चित करने की पात्रता एवं क्षमता इंसान को ईश्वर की दी हुई खास नेमत…
प्राइवेट स्कूल की नोंक-झोंक, बच्चों के पीठ पर बढ़ते बोझ। बोझ से झुके हुएं…
जब घर से निकलने से पहले सोचना पड़ता है, जब ज्यादा भीड़ देख दुप्पट्टा…
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