हम ऐसा क्यों करते हैं
चूड़ियां बेचकर जिससे हमारी परीक्षा की फीस भरी,
फुल साइकिल से चला और हमारी हवाई जहाज की टिकटv बुक की,
क्यों हम उन्हें बात बात पर आंखें दिखाते हैं,
खुद को पढ़ा लिखा और उन्हें गंवार बताते हैं,
हम ऐसे क्यों हैं?
वह जो हमारे घर की चौकीदारी करता है,
हम चैन से सो जाएं वह रात भर जगता है,
वह जो घर से कचरा उठाती है,
क्यों उसके लिए हमारी जान से पुरानी साड़ी निकलती है,
रेड वाला कंबल हम उसे शक्ति गर्मियों में देते हैं,
हम ऐसे क्यों हैं?
पड़ोस में पीली बत्ती की गाड़ी देख हमारी जान जल जाती है,
वही गाड़ी आइसोलेटेड एरिया में चक्कर लगाती है,
उन अफसरों की मां की आंखों में पल भर नींद नहीं आती है,
पत्नियां उनकी अपने बच्चों से आंसू छुपाती है,
टीवी शान शौकत उनकी हमारी जान जलाती है,
हम ऐसे क्यों है?
होश में जाकर खूब की पूड़ी उड़ाते हैं,
ब्रिज आइसक्रीम की चट कर जाते हैं,
घर लौट कर उनके वजन बढ़ने का कारण आइसक्रीम और कचोरियां बताते हैं,
हम ऐसे क्यों हैं?
बड़ी नौकरी वाला दमाद मौसी ने पाया तो हमारी जलन का क्या कहना,
कहेंगे पैसे देकर खरीदा है इनकी लड़की मैं क्या गुण है,
हम ऐसे क्यों हैं?
खराब होने के 1 दिन पहले हम मिठाइयां अपनी नौकरानी को देते हैं,
साथी एक टोकरी एहसान लाद देते हैं,
हम ऐसे क्यों हैं?
बड़ा घर किसी ने खरीदा तो हमारी तकलीफ का क्या कहना,
दो नंबर का पैसा है यह तीर निश्चित ही दागना है, हमें क्यों किसी की खुशी बर्दाश्त नहीं होती,
क्यों हम अपने दुख में कम दूसरों की खुशी से ज्यादा दुखी हैं,
पूजा करे कोई तो उसे ढोंगी बताते हैं,
दान करें यदि तो क्यों फोटो खींच आते हैं,
फोटो खींचा कर ग्रुप पर भी डालते हैं,
हम ऐसे क्यों हैं?
प्यार से बात करें कोई तो चापलूस बताते हैं,
मतलब कोई होगा यह फुसफुसाते हैं,
हम ऐसे क्यों हैं?
शान से रहो तो कहेंगे काली कमाई है,
सादर हो तो हालत बुरी है,
वजन कम हो तो खाने की भी शायद परेशानी है,
वजन बढ़े तो कहेंगे कि फ्री का माल खूब खाती है,
हम क्यों चैन से नहीं रहते और रहने देते।
हम ऐसे क्यों हैं?
सोफा खरीदने हम सेल में ही जाते हैं,
एमआरपी दिखाते हैं डिस्काउंट छुपाते हैं,
होगी तो हमेशा पसंद का सिलवाते हैं,
जो पसंद ना आए उसे बुआ जी के लिए बचाते हैं,
इस तरह पैसा बचा मन ही मन मुस्कुराते हैं,
हम ऐसे क्यों है?