मेरी मां है बड़ी महान।
मेरी मां की मैं हूं जान।।
सुबह प्यार से मुझे जगाती,
नहीं उठती तो डांट लगाती,
मुझ में रहते उसके प्राण,
मेरी मां है बड़ी महान।
मां की आंखें सपना मेरा देखें,
सपने में मुझे सबसे आगे देखें, कर दो कुछ ऐसा भगवान,
करूं मैं मां का ऊंचा नाम,
मेरी मां है बड़ी महान।
मेरे पापा जब घर आते,
मां को वह आवाज लगाते,
मेरी दीदी जब घर आती,
मां मां का वह राग सुनाती,
मां बिन चले न किसी का काम, मेरी मां है बड़ी महान।
सुबह से शाम तक काम वह करती,
मेरे लिए प्रार्थना वह करती,
बनू मैं ऐसा छू लूं आसमान,
मेरी मां है बड़ी महान।
चोट अगर कभी लग जाए
दर्द चोट का सहा न जाए,
अगर प्यार से छू ले मां तो,
रहे ना दर्द का नामोनिशान,
मेरी मां है बड़ी महान।
दिन में मैं कहीं भी जाऊं,
शाम ढले घर वापस आऊँ,
जिस घर में मेरी मां रहती,
मेरे लिए वह तीरथ धाम,
मां है या कोई वरदान,
मेरी मां है बड़ी महान।
सर्वप्रथम गुरु माँ ही होती,
बिना दक्षिणा शिक्षा देती,
सबसे सच्चा मित्र माँ ही होती,
निस्वार्थ सलाह जो देती,
मां तू एक तेरे कितने नाम,
मेरी मां है बड़ी महान,
मेरी मां की मैं हूं जान।