दूर मंजिल है कठिन रास्ता है तुम ना डगमगाना लेकिन,
धैर्य जब तुम्हारा साथ छोड़ कर भागे,
तुम लपक कर राम चरण पकड़ लेना लेकिन,
जानती हूं राम रुष्ट हैं हम सब से, स्नेह और श्रद्धा से मना लेना लेकिन,
दूर मंजिल है कठिन रास्ता है तुम ना डगमगाना लेकिन।
मिला जो भी कद्र ना कि हमने उसकी,
राम ने भी कर दी अपनी दृष्टि तिरछी,
शरण में आकर उन्हें मना लेना लेकिन,
दूर मंजिल है कठिन रास्ता है तुम ना डगमगाना लेकिन।
मिला सब कुछ सुलभ ना दिया धन्यवाद उसका,
रहे रोते रोना जो ना मिल सका, स्मरण श्रीराम के वह सब मिलेगा, निरंतर राम जाप करो लेकिन,
दूर मंजिल है कठिन रास्ता है , तुम ना डगमगाना लेकिन।
मान जाएंगे राम वह है बड़े दयालु,
गिर रहा हो कोई उसको उठाना, हो कोई भूखा उसे रोटी खिलाना, दौड़ कर आएंगे वह कष्ट सभी हरेंगे,
खाली हुए भंडार वह हमारे भरेंगे, उत्साह में तुम कोई कमी ना रखना लेकिन,
मानना मेरी बात अविश्वास ना करना लेकिन,
दूर मंजिल है कठिन रास्ता है, तुम ना डगमगाना लेकिन।
मां नहीं है मामा है माँ नहीं है मौसी है, इन सभी में अंश मां का है,
दूर हैं सब ह्रदय से जुड़े रहना लेकिन,
दूर मंजिल है कठिन रास्ता है, तुम ना डगमगाना लेकिन,
हुए वर्षों राम जपते रहे निरंतर हुआ क्या जो तुमने हिला दिया विश्व को,
कराह रहे हैं हम सभी पुत्र पुत्रियां हैं तुम्हारे,
नहीं कोई दूजा जो हमें मुश्किल से उबारे,
जानती हूं दुख देकर स्वयं दुखी होगे लेकिन,
दूर मंजिल है कठिन रास्ता है, तुम ना डगमगाना लेकिन,
हुआ बहुत अब तुम मेरे प्रभु मान जाओ,
डूबती नैया है अब पार लगाओ, करो क्षमा हम सभी हैं तुम्हारे, नहीं दूजा जो हमें कष्टों से उबारे , ना करो ऐसा आस्था हमारी डगमगाए,
आओ जल्दी करो दूर अंधेरे हमारे,
तुम मर्यादा पुरुषोत्तम हो रखो मान इसका,
नष्ट होती सृष्टि को मेरे प्रभु बक्शो, कह दिया जो कुछ प्रभु मैं जानती थी,
तुम मेरी बिनती को मान जाना लेकिन,
दूर मंजिल है कठिन रास्ता है, तुम ना डगमगाना लेकिन।